कल एक तन्दूर पर रोटी लेने गया.....
मैंने पैसे दे दिए और रोटी लगाने वाले को रोटी लगाने को कहा.....
इसी बीच
एक और व्यक्ति भी आ गया मेरे पीछे......
उसको शायद जल्दी थी या बहुत से लोगों की तरह रोब झाड़ना चाहता था......😀
तन्दूर वाले से उसने दो तीन बार जल्दी रोटी लगाने को कहा..😀
लेकिन तन्दूर वाले ने उसकी बात सुनी अनसुनी कर दी..😎
वह व्यक्ति जो रोब झाड़ रहा था फिर उसने और गुस्से से रोटी लगाने को कहा..😀
जिसके जवाब में रोटी वाले ने जो एतिहासिक बात कही,
फिर मुझ समेत किसी की भी हिम्मत ना हुई कि उसे जल्दी रोटी लगाने को बोले..😎
तन्दूर वाले ने कहा:- सब्र कर ले मामा.....?
अगर तू इतना ही बदमाश होता तो घर में रोटियां ना पकवा लेता.....?