MOTIVATIONAL SHORT STORY (IN POEM FORM)
कभी बनाना लिस्ट
...क्या क्या बनाया है बीवी ने...*
एक friend ने बनाया लिस्ट जरूर पढ़िए
वो कहती है बनाने में घण्टों लगते है...
और खाने में पल भर ...
कभी कुछ बड़े जतन से बनाती है...
सुबह से तैयारी करके...
कभी कुछ धुप में सुखा के...
तो कभी कुछ पानी में भिगो के...
कभी मसालेदार..
तो कभी गुड़ सी मीठी...
सारे स्वाद समेट लेती हैं ...
आलू के पराठों में, या गाजर के हलवे में, ऊपर बारीक कटे धनिये के पत्तो में, या पीस कर डाले गए इलाइची के दानों में...
सारे स्वाद समेट देती हैं एक छोटी सी थाली में...
न जाने कहाँ कहाँ से पकड़ के लाती है...
ना जाने कितना कुछ तो होता है ...
कभी लिस्ट बनाना ...
बीवी ने जो कुछ भी.. कभी भी बनाया है...
तुम बना नही पाओगे...
हमें भी बस खाना ही दिखता है...
पर नही दिखती...
किचन की गर्मी,
उसका पसीना,
हाथ में गरम तेल के छींटे,
कटने के निशान,
कमर का दर्द,
पैरो में सूजन,
सफ़ेद होते बाल..
कभी नहीं दिखते...,,
कभी तो ध्यान से देखो ना,,उस की छोटी से रसोई में... कोई दिखेगा तुम्हे ,,
जो बदल गया है इतने सालो में... दांत हिले होंगे कुछ....
बाल झड़ गए होंगे कुछ...
झुर्रियां आयी होंगी कुछ तुम्हारे मकान को घर बनाने में,,,,,
चश्मा लगाए, हाथ में अपनी करछी, बेलन लिए जुटी होगी...
आज भी वही कर रही है.. जो कर रही है वो पिछले पच्चीस तीस सालों से, और तुम्हे देखते ही पूछेगी
"क्या चाहिए?”...
कभी देखना उसके मन के कुछ अनकहे ज़ज़्बात, दबी हुई इच्छाएं,,
जो दिखती नही..
क्योंकि जो दिखती नही, उन्हें देखना और भी ज़्यादा ज़रूरी होता है...
जब रसोई से दो बिस्किट या रस हाथ में लेकर निकलता हूँ,, कभी उसकी गैर मौजूदगी में...
तब उसकी बात सोचने पे मज़बूर कर देती है... क्योंकि उसने सिर्फ खाना ही नहीं बनाया है इतने सालो में...
तुम्हें भी बनाया है...
खुद को मिटा के...
और याद है न...
बनाने में घण्टों लगते है..ख़तम एक बार में हो जाता है ...पूरा घर बनाया है...
दिन रात मेहनत करके...
कभी बनाना लिस्ट और क्या क्या बनाया है बीवी ने...
लिस्ट बन नहीं पाएगी
कोशिश करना ..
कभी बन नहीं पाएगीसच में कभी नहीं बन पायेगी
ENGLISH VERSION
️✍️✍️Never make list
... what has the wife made...*
Must read list made by a friend
She says it takes hours to make...
And a moment to eat...
Sometimes it makes something with great care...
By preparing in the morning...
Sometime dry in the sun...
So sometimes by soaking in some water...
sometimes spicy..
Sometimes sweet like jaggery...
Covers all the tastes...
In potato parathas, or in carrot pudding, on top of finely chopped coriander leaves, or in ground cardamom seeds...
Covers all the tastes in a small plate...
Don't know where to get it from where...
I don't know how much happens...
Ever make a list...
Whatever the wife has ever made...
You can't make...
We also only see food...
But don't see...
kitchen heat,
her sweat,
Hot oil splatter in hand,
cut marks,
lumbar puncture,
swollen feet,
Gray hair..
never see...
Never look carefully, don't you, in his small kitchen... someone will see you,,
What has changed in so many years... Teeth must have moved some....
Some hair may have fallen out...
Wrinkles must have come to make your house a home,,,,,
Put on glasses, your spoon in your hand, must have been busy with the cylinder...
She is doing the same thing even today.
"What do you want?"...
Ever see some untold feelings of his mind, suppressed desires,
What is not visible..
Because seeing what you can't see is even more important.
When I come out of the kitchen with two biscuits or juice in my hand, Sometimes in his absence...
Then her words make me think... because she has not only cooked food in all these years...
made you too...
erase yourself...
And don't you remember...
It takes hours to build...the finish is done in one go...the whole house is built...
Working hard day and night...
Ever make list and what has been made by the wife...
attempts to make
list will not be created
will never be able to be never really will be made...................☺☺☺☺