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Saturday, August 27, 2022

तीन विरोधाभास

 कड़वा सच 


1. आजकल तीन विरोधाभास ट्रेंड चल रहे हैं ------

*पहला --*
भारत एक गरीब देश है इसलिए बुलट ट्रैन नही चाहिए परन्तु भारत इतना अमीर है कि लाखो रोहिंग्या को पाल सकता है।

*दूसरा ---*

मस्जिद की तरफ़ से देश के छप्पन बडे महँगे वकील और मंदिर की तरफ से अकेले सुब्रामनयम स्वामी!!

*तीसरा--*

देश मे GST का विरोध दिखता है किन्तु जनसंख्या बढ़ने का विरोध कभी देखा ?

मजाक तो यह है की 2 बच्चे वाले टैक्स देते है, तथा दस वाले सब्सिडी लेते है ।

*आपको उपरोक्त बातें नापसंद हो सकती है परंतु विचार करने योग्य अवश्य है!!!*

एक और तथ्य -

भारत महान था ......वीरों की खान था ।।
फ़िर भी मुगलों का गुलाम था.....क्यों??....

क्योंकि

"एक हिंदु राजा निजी विरोध के कारण दूसरे हिंदू राजा से दूर खड़ा था और मुगलों का साथ देने पर अड़ा था"

परिस्थिति आज भी वही है मोदी हिन्दुत्व के लिये खड़ा है और भ्रमित हिंदु उसे मिटाने पर अड़ा है.....!!!!

😏😏

लाखों हिंदुओं को देखा हैं,
मोदी का विरोध करते

कोई एक मुस्लिम बता दो जो ओवैसी का मुखर विरोध करता हो।

हिन्दू अपने पतन का कारण स्वयं ही है.....
थोडा सोचो और खुद को जोड़ो।

जय हिंद जय भारत

2. ₹30 का पेट्रोल सरकार ₹80 में क्यों बेचती है? ऐसा पूछने वाले एक बार ये भी तो पूछे कि ₹16  में गेहूं खरीदकर सरकार ₹2  में क्यों बेचती है? ₹50  का केरोसिन ₹15 में क्यों बेचती है? ₹40 कि शक्कर ₹26 में क्यों बेचती है? ₹25 का चावल खरीदकर ₹1 में क्यों बाटती है?

लाखो रुपये टीचरो को तनख्वाह देकर बच्चो को मुफ्त क्यों, पढवाती है?
6 करोड़ शौचालय मुफ्त में क्यों बनवाती है,
3 करोड़ गैस चूल्हे मुफ्त में क्यों बाटती है.l😊
ये भी पूछो।
दरअसल अपने बच्चों को 15 की माइलेज देनेवाली 2-2 लाख की महंगी bike वाले ही अक्सर ऐसे सवाल करते है।

3. गुजरात के मोहनदास करमचन्द गांधी राष्ट्र के पिता हो सकते है...!
जवाहर लाल नेहरू सबके चाचा हो सकते है...!
मायावती सबकी बहन हो सकती है...!
ममता बनर्जी सबकी दीदी हो सकती है...!
जयललिता सबकी अम्मा हो सकती है...!
सोनिया गांधी देश की बहू हो सकती है...!
केवल  नरेंद्र मोदी इस देश का बेटा नही हो सकता...!!

इतनी नफरत क्यों है भाई...!!!

दिक्कत यह नहीं है कि दाल महंगी हो गयी है...! दिक्कत यह है कि किसी की गल नही रही है..

जय भारतमाता की.🇮🇳

3. मोदी सरकार के 4 सालो मे विकास पैदा हुआ या नही,
यह अलग बात है,

लेकिन एक भी अफजल पैदा होने नही दिया गया....!!

यही है अच्छे दिन___

साल भर में 176 आतंकवादी ठोंकने के बाद..!
मोदीजी ने कहा ,....आओ बात करते हैं..!!
इसी को कहते हैं बातचीत का माहौल बनाना..!

आतंकवादी ख़त्म हो रहे,
कांग्रेस परेशान हैं !! 😬

कांग्रेस ख़त्म हो रही,
आतंकवादी परेशान हैं ! 🙄

ये रिश्ता क्या कहलाता है ....!!

4. कश्मीरी आंतकवादी ..
सैय्यद सलाउद्दीन
हिजबुल चीफ..
जिसके 12 बच्चे हैं....!

सभी को कांग्रेस के शासनकाल मे सरकारी नौकरियां मिल गईं थीं !! 😖😖

मोदी सरकार मे 4 बर्खास्त हुए 3 सस्पेंड और NIA ने 2 को गिरफ्तार किया है।

आखिर कब तक ?
आलू, टमाटर, दाल, डीजल, पैट्रौल के लिए वोट करते रहोगे ?

अभी भी समय है देश के लिए वोट कर लो

100 साल पुरानी पार्टी....
आज किसी भी राज्य में अकेले चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाती है।
और कितने अच्छे दिन चाहिये।।

5. मोदीजी ट्रंप, पुतिन, शिंजो आबे के साथ दोस्ती बढा रहे हैं,
अौर
राहुल  - कन्हैया, हार्दिक के साथ....
अौकात अपनी अपनी !

पहले आतंकवादी होटल ताज तक पहुँच जाते थे,
अब कश्मीर भी पूरा पार नही कर पा रहे है,

मेरा देश बदल रहा है..... 😊🤘

134 साल पुरानी कांग्रेस आज 26 साल के "हार्दिक" के चरणों में पड़ी हुई है !
और कितने अच्छे दिन चाहिए..!

बुरा लगे तो मुंह धो लेना.. !!✍

Friday, August 26, 2022

Zelensky Changer of Ukraine

 

How Zelensky Has Changed Ukraine






  A former showman, Volodymyr Zelensky took the theater out of Ukrainian electoral politics by using genuine communication, not pressure, to garner votes. Comedy as a tool of democratic resilience and contestation has remained central to his leadership. In his previous career, Zelensky promoted an expansive vision of Ukrainian political nationhood that elevated local identities. As president, he continued decentralizing reforms. These reforms may hold the key to protecting democracy in postwar Ukraine, where risks may include the reappearance of the partially staged democratic elections that were a key element of politics in independent Ukraine prior to Zelensky.

 

    In the fog of war and amid Ukrainian president Volodymyr Zelensky’s inspiring wartime leadership, it is important not to forget how politics in Ukraine worked for decades before Russia’s full-scale invasion. Even in victory, the risks for democracy in Ukraine may include the reappearance of the partially staged democratic elections that were a key element of politics in independent Ukraine prior to Zelensky: Ukrainian politicians with authoritarian ambitions periodically used economic pressure to compel people to vote for them, leading many Ukrainians to feel that they were being treated like background players on a stage, not agents of their own political destinies. These manipulations affected not only electoral outcomes, but also the meaning of democratic institutions for Ukrainians who were subject to such pressure. The danger of a return to political theater in Ukraine after victory emanates not only from the threat of Russian occupation and the Kremlin’s “referendum” at gunpoint, but also from the economic precocity of war and its deprivations.1

 

    Yet Ukrainian politics no longer looks as it did even five years ago, and Zelensky has participated in changes at every level of Ukrainian society—changes he was positioned to lead precisely because of, not in spite of, his previous career as an actor and comedian, where he was known for his close connection with Ukrainian audiences. To understand the nature and significance of the transformation in Ukrainian politics since his arrival on the political stage, it is helpful to examine not only Zelensky’s wartime leadership, but also his previous work. International audiences have viewed Zelensky through the narrow lens of the wartime leader who commands respect because of his courage in the face of grave danger. For those who do not know him or his story, it could seem as if Zelensky had risen above his former calling as comic and showman. But that misunderstands Zelensky. Many Ukrainians have long known him for his fearless and eloquent responses to injustice, and for his evident and profound patriotism. In his career as a showman, Zelensky, trained as a lawyer, led from the stage. His present heroism continues to express an integrity that Ukrainians recognized long before the Kremlin launched a full-scale invasion.

 

Monday, August 15, 2022

MOTIVATIONAL STORY

 MOTIVATIONAL STORY

*एक गरीब एक दिन एक सिक्ख के पास अपनी जमीन बेचने गया, बोला सरदार जी मेरी 2 एकड़ जमीन आप रख लो.*
 
*सिक्ख बोला, क्या कीमत है ?* 

*गरीब बोला, 50 हजार रुपये.*

*सिक्ख थोड़ी देर सोच कर बोला, वो ही खेत जिसमें ट्यूबवेल लगा है ?*
 
*गरीब: जी. आप मुझे 50 हजार से कुछ कम भी देंगे, तो जमीन आपको दे दूँगा.*

*सिक्ख ने आँखें बंद कीं, 5 मिनट सोच कर बोला: नहीं, मैं उसकी कीमत 2 लाख रुपये दूँगा.*
 
*गरीब: पर मैं तो 50 हजार मांग रहा हूँ, आप 2 लाख क्यों देना चाहते हैं ?*

*सिक्ख बोला, तुम जमीन क्यों बेच रहे हो ?*

*गरीब बोला, बेटी की शादी करना है इसीलिए मज़बूरी में बेचना है. पर आप 2 लाख क्यों दे रहे हैं ?*

*सिक्ख बोला, मुझे जमीन खरीदनी है, किसी की मजबूरी नहीं. अगर आपकी जमीन की कीमत मुझे मालूम है तो मुझे आपकी मजबूरी का फायदा नहीं उठाना, मेरा वाहेगुरू कभी खुश नहीं होगा.*
  
*ऐसी जमीन या कोई भी साधन, जो किसी की मजबूरियों को देख के खरीदा जाये वो जिंदगी में सुख नहीं देता, आने वाली पीढ़ी मिट जाती है.*
 
*सिक्ख ने कहा: मेरे मित्र, तुम खुशी खुशी, अपनी बेटी की शादी की तैयारी करो, 50 हजार की व्यवस्था हम गांव वाले मिलकर कर लेंगे, तेरी जमीन भी तेरी ही रहेगी.*
  
*मेरे गुरु नानक देव साहिब ने भी अपनी बानी में यही हुक्म दिया है.*

*गरीब हाथ जोड़कर नीर भरी आँखों के साथ दुआयें देता चला गया।*
 
*ऐसा जीवन हम भी बना सकते हैं.*

*बस किसी की मजबूरी न खरीदें, किसी के दर्द, मजबूरी को समझ कर, सहयोग करना ही सच्चा तीर्थ है, एक यज्ञ है. सच्चा कर्म और बन्दगी है.*
 
🙏🏻🙏राम राम जी🌹🌹

ENGLISH VERSION-

* A poor one day went to sell his land to a Sikh, said Sardarji, you keep my 2 acres of land.*
 
*Sikh said, what is the price?*

* Poor said, 50 thousand rupees.*

The Sikh said after thinking for a while, the same field in which the tubewell is installed?*
 
*Poor: G. Even if you give me a little less than 50 thousand, I will give the land to you.

The Sikh closed his eyes, after thinking for 5 minutes, said: No, I will give his price of 2 lakh rupees.*
 
*Poor: But I am asking for 50 thousand, why do you want to give 2 lakh?*

*Sikh said, why are you selling land?*

The poor said, the daughter has to get married, that's why it has to be sold in compulsion. But why are you giving 2 lakhs?*

* The Sikh said, I have to buy land, no one's compulsion. If I know the value of your land, then I should not take advantage of your helplessness, my Waheguru will never be happy.
  
* Such land or any instrument, which is bought after seeing someone's compulsions, does not give happiness in life, the coming generation gets erased.
 
* The Sikh said: My friend, you happily, prepare for the marriage of your daughter, we the villagers will arrange 50 thousand together, your land will also remain yours.*
  
* My Guru Nanak Dev Sahib has also given the same order in his Bani.*

* The poor went on praying with folded hands with dull eyes.*
 
We can also make such a life.*

* Just don't buy someone's compulsion, understanding someone's pain, compulsion, cooperation is the only true pilgrimage, a sacrifice. True action and bondage.
 
🙏🙏 Ram Ram ji

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