Saturday, October 3, 2020

अखवार वाला

 एक अखवार वाला प्रात:काल लगभग 5 बजे जिस समय वह अख़बार देने आता था उस समय मैं उसको अपने मकान की 'गैलरी' में टहलता हुआ मिल जाता था। अत: वह मेरे आवास के मुख्य द्वार के सामने चलती साइकिल से निकलते हुए मेरे आवास में अख़बार फेंकता और मुझको 'नमस्ते बाबू जी' वाक्य से अभिवादन करता हुआ फर्राटे से आगे बढ़ जाता था। 

क्रमश: समय बीतने के साथ मेरे सोकर उठने का समय बदल कर प्रात: 5:0 बजे हो गया।
जब कई दिनों तक मैं उसको प्रात: टहलते नहीं दिखा तो एक रविवार को प्रात: लगभग 9:0 बजे वह मेरा कुशल-क्षेम लेने मेरे आवास पर आ गया। जब उसको ज्ञात हुआ कि घर में सब कुशल मंगल है मैं बस यूँ ही देर से उठने लगा था तो वह बड़े सविनय भाव से हाथ जोड़ कर बोला, *बाबू जी! एक बात कहूँ?"*
*मैंने कहा...बोलो*
*वह बोला...आप सुबह तड़के सोकर जगने की अपनी इतनी अच्छी आदत को क्यों बदल रहे हैं? आप के लिए ही मैं सुबह तड़के विधान सभा मार्ग से अख़बार उठा कर और फिर बहुत तेज़ी से साइकिल चला कर आप तक अपना पहला अख़बार देने आता हूँ..... सोचता हूँ कि आप प्रतीक्षा कर रहे होंगे*
मेने विस्मय से पूछा... और आप!विधान सभा मार्ग से अखबार लेकर आते हैं?
“हाँ! सबसे पहला वितरण वहीं से प्रारम्भ होता है", उसने उत्तर दिया।
“तो फिर तुम जगते कितने बजे हो?"
“ढाई बजे.... फिर साढ़े तीन तक वहाँ पहुँच जाता हूँ।"
“फिर?", मैंने पूछा।
“फिर लगभग सात बजे अख़बार बाँट कर घर वापस आकर सो जाता हूँ..... फिर दस बजे कार्यालय...... अब बच्चों को बड़ा करने के लिए ये सब तो करना ही होता है।”
मैं कुछ पलों तक उसकी ओर देखता रह गया और फिर बोला,“ठीक! तुम्हारे बहुमूल्य सुझाव को ध्यान में रखूँगा।"

घटना को लगभग पन्द्रह वर्ष बीत गये। एक दिन प्रात: नौ बजे के लगभग वह मेरे आवास पर आकर एक निमंत्रण-पत्र देते हुए बोला, “बाबू जी! बिटिया का विवाह है..... आप को सपरिवार आना है।“
*निमंत्रण-पत्र के आवरण में अभिलेखित सामग्री को मैंने सरसरी निगाह से जो पढ़ा तो संकेत मिला कि किसी डाक्टर लड़की का किसी डाक्टर लड़के से परिणय का निमंत्रण था। तो जाने कैसे मेरे मुँह से निकल गया, “तुम्हारी लड़की?"*
उसने भी जाने मेरे इस प्रश्न का क्या अर्थ निकाल लिया कि विस्मय के साथ बोला, “कैसी बात कर रहे हैं बाबू जी! मेरी ही बेटी।"
मैं अपने को सम्भालते हुए और कुछ अपनी झेंप को मिटाते हुए बोला, “नहीं! मेरा तात्पर्य कि अपनी लड़की को तुम डाक्टर बना सके इसी प्रसन्नता में वैसा कहा।“
“हाँ बाबू जी! लड़की ने केजीएमसी से एमबीबीएस किया है और उसका होने वाला पति भी वहीं से एमडी है ....... और बाबू जी! मेरा लड़का इंजीनियरिंग के अन्तिम वर्ष का छात्र है।”
मैं किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ा सोच रहा था कि उससे अन्दर आकर बैठने को कहूँ कि न कहूँ कि वह स्वयम् बोला, “अच्छा बाबू जी! अब चलता हूँ..... अभी और कई कार्ड बाँटने हैं...... आप लोग आइयेगा अवश्य।"
मैंने भी फिर सोचा आज अचानक अन्दर बैठने को कहने का आग्रह मात्र एक छलावा ही होगा। अत: औपचारिक नमस्ते कहकर मैंने उसे विदाई दे दी।

*उस घटना के दो वर्षों के बाद जब वह मेरे आवास पर आया तो ज्ञात हुआ कि उसका बेटा जर्मनी में कहीं कार्यरत था। उत्सुक्तावश मैंने उससे प्रश्न कर ही डाला कि आखिर उसने अपनी सीमित आय में रहकर अपने बच्चों को वैसी उच्च शिक्षा कैसे दे डाली?*
“बाबू जी! इसकी बड़ी लम्बी कथा है फिर भी कुछ आप को बताये देता हूँ।
*अख़बार, नौकरी के अतिरिक्त भी मैं ख़ाली समय में कुछ न कुछ कमा लेता था। साथ ही अपने दैनिक व्यय पर इतना कड़ा अंकुश कि भोजन में सब्जी के नाम पर रात में बाज़ार में बची खुची कद्दू, लौकी, बैंगन जैसी मौसमी सस्ती-मद्दी सब्जी को ही खरीद कर घर पर लाकर बनायी जाती थी*
एक दिन मेरा लड़का परोसी गयी थाली की सामग्री देखकर रोने लगा और अपनी माँ से बोला, 'ये क्या रोज़ बस वही कद्दू, बैंगन, लौकी, तरोई जैसी नीरस सब्ज़ी...  रूख़ा-सूख़ा ख़ाना...... ऊब गया हूँ इसे खाते-खाते। अपने मित्रों के घर जाता हूँ तो वहाँ मटर-पनीर, कोफ़्ते, दम आलू आदि....। और यहाँ कि बस क्या कहूँ!!!!'
मैं सब सुन रहा था तो रहा न गया और मैं बड़े उदास मन से उसके पास जाकर बड़े प्यार से उसकी ओर देखा और फिर बोला, 'पहले आँसू पोंछ फिर मैं आगे कुछ कहूँ।'
मेरे ऐसा कहने पर उसने अपने आँसू स्वयम् पोछ लिये। *फिर मैं बोला, 'बेटा! सिर्फ़ अपनी थाली देख। दूसरे की देखेगा तो तेरी अपनी थाली भी चली जायेगी...... और सिर्फ़ अपनी ही थाली देखेगा तो क्या पता कि तेरी थाली किस स्तर तक अच्छी होती चली जाये। इस रूख़ी-सूख़ी थाली में मैं तेरा भविष्य देख रहा हूँ। इसका अनादर मत कर। इसमें जो कुछ भी परोसा गया है उसे मुस्करा कर खा ले ....।*'
उसने फिर मुस्कराते हुए मेरी ओर देखा और जो कुछ भी परोसा गया था खा लिया। उसके बाद से मेरे किसी बच्चे ने मुझसे किसी भी प्रकार की कोई भी माँग नहीं रक्खी। बाबू जी! आज का दिन बच्चों के उसी त्याग का परिणाम है।"

उसकी बातों को मैं तन्मयता के साथ चुपचाप सुनता रहा।

    *आज जब मैं यह संस्मरण लिख रहा हूँ तो यह भी सोच रहा हूँ कि आज के बच्चों की कैसी विकृत मानसिकता है कि वे अपने अभिभावकों की हैसियत पर दृष्टि डाले बिना उन पर ऊटपटाँग माँगों का दबाव डालते रहते हैं*


Friday, September 11, 2020

LOSE WEIGHT

The 10 Steps To Start Clean Eating + Losing Weight - Tastes Lovely
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6 Morning Habits That Can Help You Lose Weight

 If you’re aiming to lose some weight, then just taking up a diet or exercise regimen is not going to help you - or at least not in the long run. What will, is creating habits and routines that are so ingrained and so healthy that you not only lose weight but also keep yourself from gaining any more in the future. A study published in the American Journal of Lifestyle Medicine in 2019 explains that long-term adherence to healthy practices is the best way to keep lifestyle issues like weight gain and obesity at bay.

Here are six very easy weight loss-promoting habits that you should practise early in the morning, every day until they become second nature.

1. Drink warm water

If your metabolism slows down at night, then it’s very important to kick-start it the right way when you get up in the morning, and drinking a glass or two of warm water does this really well. Ayurveda recommends you add lemon juice and honey to this water, and another line of thought suggests adding apple cider vinegar. Whichever you go with, know that you will have regular bowel movements and feel lighter as well as fresher after drinking two glasses of water in the morning.

2. Exercise

Stretch, go for a walk, do some yoga or light-intensity exercises for at least 20 minutes in the morning. If you’re not a beginner, then opt to go to the gym or engage in some high-intensity exercises. Not only will working out in the morning boost your metabolism, but it will also help you start your day with an endorphin high.

3. Get some sun

Vitamin D is highly underrated at times. It aids cognitive function, regulates moods, improves organ function and can even keep you feeling motivated. Sunlight is the best source of Vitamin D, so get some morning rays to stay motivated and stick to your weight loss routine throughout the day, without any Vitamin D deficiency.

4. Take a cold shower

Ice-cold showers may not be pleasing, but multiple studies have shown that they activate brown adipose or fat tissues, which in turn help burn white adipose tissues. Taking a cold shower early in the morning can help you burn body fat and also kick-start your metabolism for the day.

5. Get the right breakfast

Get plenty of protein and dietary fibre-rich foods like eggs, fresh fruits, nuts and seeds for breakfast. It’s also recommended that you get a boost of healthy carbohydrates, like oats, multigrain bread, muesli, etc. Make this meal heavy and ensure your other meals are light because you’ll be burning the calories from this one off throughout the day.

6. Pack the right meals

It’s simply not ideal to be eating out too often when you’re on a weight loss journey, so prepare proper main meals and include nutrient-dense, healthy foods in them. Pack salads, nuts, seeds, fresh fruits, baked vegetables, etc for snacking.



Thursday, September 10, 2020

PREVENT MIGRAINES



 Slide 1 of 22: More than just a headache, migraine is a neurological condition that can cause intense head pain along with a variety of other symptoms, including nausea, vomiting, sensitivity to light and sound, numbness or tingling, difficulty speaking, temporary vision loss, and seeing shapes or flashing lights. The causes of migraine aren’t fully understood, but they may have something to do with changes in brain chemicals and the brain’s interaction with the trigeminal nerve, as well as genetics and environmental factors.If you get migraines, you should work with your doctor to develop a personalized treatment plan. In the meantime, here are some tips that can help you manage the condition and relieve your symptoms.If you get a sudden, severe headache or any new or unusual symptoms such as fever, confusion, or problems seeing or speaking, head to the emergency room right away. You may be having a stroke or another medical emergency.

TREATMENT

Stress management
Pursuing an enjoyable activity or verbalizing frustration to reduce stress and improve mental health.

Improved sleep habits
Good sleep practices include having a regular bedtime schedule and avoiding naps, caffeine and TV before bedtime.

Avoid migraine triggers
Common triggers include alcohol, caffeine or poor sleep.
Diet modification
Adjusting diet to reduce triggers causing disease or address dietary deficiencies.

And if it is more Consult a doctor for medical advice

Friday, February 15, 2019

SWAMI VIVEKANAND AND HOLI BOOK "BHAGAVAD GITHA"

In the United States, a Christian had invited Swami Vivekananda to his home with the intention to mock the Swami's religiosity. He welcomed the Swami at home and showed the latter his book rack. He pointed towards a pile of books which were placed in such a way that the Bhagavad Githa was placed at the bottom of the pile, followed by other religious books and the Biblewas placed at the top of the pile.

He then questioned the Swami, "I usually do my reading here. Don't you like the way I arranged my books?"

The Swami replied, "I sure do. The books are very organized and arranged neatly. The ones on the top stand firmly because the foundation is exceedingly strong."

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