Monday, August 15, 2022

MOTIVATIONAL SHORT STORY

 MOTIVATIONAL SHORT STORY

*आज का प्रेरक प्रसंग* 


   !! *शिक्षा की बोली ना लगने दें !!*
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एक नगर में रहने वाले एक पंडित जी की ख्याति दूर-दूर तक थी। पास ही के गाँव में स्थित मंदिर के पुजारी का आकस्मिक निधन होने की वजह से, उन्हें वहाँ का पुजारी नियुक्त किया गया था। एक बार वे अपने गंतव्य की और जाने के लिए बस में चढ़े, उन्होंने कंडक्टर को किराए के रुपये दिए और सीट पर जाकर बैठ गए। कंडक्टर ने जब किराया काटकर उन्हें रुपये वापस दिए तो पंडित जी ने पाया कि कंडक्टर ने दस रुपये ज्यादा दे दिए हैं। पंडित जी ने सोचा कि थोड़ी देर बाद कंडक्टर को रुपये वापस कर दूंगा। कुछ देर बाद मन में विचार आया कि बेवजह दस रुपये जैसी मामूली रकम को लेकर परेशान हो रहे है।

आखिर ये बस कंपनी वाले भी तो लाखों कमाते हैं, बेहतर है इन रूपयों को भगवान की भेंट समझकर अपने पास ही रख लिया जाए। वह इनका सदुपयोग ही करेंगे। मन में चल रहे विचारों के बीच उनका गंतव्य स्थल आ गया। बस से उतरते ही उनके कदम अचानक ठिठके, उन्होंने जेब मे हाथ डाला और दस का नोट निकाल कर कंडक्टर को देते हुए कहा, भाई तुमने मुझे किराया काटने के बाद भी दस रुपये ज्यादा दे दिए थे। कंडक्टर मुस्कराते हुए बोला, क्या आप ही गाँव के मंदिर के नए पुजारी है?

पंडित जी के हामी भरने पर कंडक्टर बोला, मेरे मन में कई दिनों से आपके प्रवचन सुनने की इच्छा थी, आपको बस में देखा तो ख्याल आया कि चलो देखते है कि मैं अगर ज्यादा पैसे दूँ तो आप क्या करते हो.. अब मुझे विश्वास हो गया कि आपके प्रवचन जैसा ही आपका आचरण है। जिससे सभी को सीख लेनी चाहिए: बोलते हुए, कंडक्टर ने गाड़ी आगे बढ़ा दी। पंडितजी बस से उतरकर पसीना-पसीना थे।

उन्होंने हाथ जोड़कर भगवान का आभार व्यक्त किया कि हे प्रभु! आपका लाख-लाख शुक्र है, जो आपने मुझे बचा लिया, मैने तो दस रुपये के लालच में आपकी शिक्षाओं की बोली लगा दी थी। पर आपने सही समय पर मुझे सम्हलने का अवसर दे दिया। कभी कभी हम भी तुच्छ से प्रलोभन में, अपने जीवन भर की चरित्र पूँजी दाँव पर लगा देते हैं

ENGLISH VERSION

* Motivational Story*


   , *Don't let education bid!!*
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The fame of a Pandit ji living in a city was far and wide. Due to the sudden demise of the priest of the temple located in a nearby village, he was appointed the priest there. Once he boarded the bus to go to his destination, he gave the fare money to the conductor and sat down on the seat. When the conductor gave him back the money after deducting the fare, Pandit ji found that the conductor had given ten rupees more. Pandit ji thought that after a while I would return the money to the conductor. After some time a thought came in my mind that unnecessarily they are getting worried about a small amount like ten rupees.

After all, even these bus company people earn lakhs, it is better to keep these money as God's gift and keep it with you. He will make good use of them. His destination came amidst the thoughts running in his mind. As soon as he got off the bus, his feet suddenly stopped, he put his hand in his pocket and took out the ten rupee note and gave it to the conductor and said, brother, you gave me ten rupees more even after deducting the fare. The conductor smiled and said, are you the new priest of the village temple?

When Panditji agreed, the conductor said, I had a desire to listen to your discourses for many days, when I saw you in the bus, I thought, let's see what you do if I give more money.. Now believe me It is known that your conduct is the same as your discourse. From which everyone should learn: Speaking, the conductor pushed the train forward. Panditji was sweating after getting off the bus.

He thanked God with folded hands that Oh Lord! Thank you lakhs and lakhs, which you saved me, I had bid for your teachings in the greed of ten rupees. But you gave me an opportunity to take care of me at the right time. Sometimes we, too, put at stake our life's worth of character capital, in the tiniest of temptations.

JOKE OF THE DAY

 JOKE OF THE DAY

*एक ६०+के अंकल*
ने अस्पताल में डॉक्टर से कहा *-"सर,मेरे ईलाज मे एक युवा सुंदर नर्स रखे! जरूरत पड़ने पर और पैसे देने को तैयार हुँ....*

*डॉक्टर- 🤔
अंकल इस उम्र मे क्या आप जानते है, कि आप किस बारे मे बात कर रहे है...?

*अंकल-*
 डॉक्टर, आप ग़लत समझ गए...
मेरे दो बेटे हैं ! 
*नर्स अच्छी दिखने वाली होगी तो, वे दोनों सुबह-शाम दो बार हाल पूछने आएंगे...!!*


*रिश्ता वही, सोच नयी*

🤔🤔🤔

ENGLISH VERSION
An uncle of 60+*
told the doctor in the hospital * - "Sir, keep a young beautiful nurse in my treatment! I am ready to give more money if needed....*

*doctor- *
Uncle at this age do you know what you are talking about...?

*Uncle-*
  Doctor, you got it wrong...
I have two sons !
* If the nurse will be good looking, then both of them will come twice in the morning and evening to inquire...!!*


*Relationship is same, thinking new*

Motivational short story

Motivational short story

*उन चारों को होटल में बैठा देख, अभय हड़बड़ा गया.*
.
*लगभग 25 सालों बाद वे फिर उसके सामने थे.*

 *शायद अब वो बहुत बड़े और संपन्न आदमी हो गये थे.*

 * अभय को अपने स्कूल के दोस्तों का खाने का आर्डर लेकर परोसते समय बड़ा अटपटा लग रहा था.*

 *उनमे से दो मोबाईल फोन पर व्यस्त थे और दो लैपटाप पर.*

 *अभय पढ़ाई पुरी नही कर पाया था. उन्होंने उसे पहचानने का प्रयास भी नही किया.*
  *वे खाना खा कर बिल चुका कर चले गये.* 

 *अभय को लगा उन चारों ने शायद उसे पहचाना नहीं या उसकी गरीबी देखकर जानबूझ कर कोशिश नहीं की.*

  *उसने एक गहरी लंबी सांस ली और टेबल साफ करने लगा.*
.
*टिश्यु पेपर उठाकर कचरे मे डलने ही वाला था,* 

*शायद उन्होने उस पे कुछ* *जोड़-घटाया था.* 

*अचानक उसकी नजर उस पर लिखे हुये शब्दों पर पड़ी.*  

*लिखा था - अबे साले तू हमे खाना खिला रहा था तो तुझे क्या लगा तुझे हम पहचानें नहीं?*
*अबे 25 साल क्या अगले जनम बाद भी मिलता तो तुझे पहचान लेते.*

 *तुझे टिप देने की हिम्मत हममे नही थी.*
*हमने पास ही फैक्ट्री के लिये जगह खरीदी है.*
 *औरअब हमारा इधर आन-जाना तो लगा ही रहेगा.*

*आज तेरा इस होटल का आखरी दिन है.*

  *हमारे फैक्ट्री की कैंटीन कौन चलाएगा बे* 
*तू चलायेगा ना?*
*तुझसे अच्छा पार्टनर और कहां मिलेगा??? याद हैं न स्कुल के दिनों हम पांचो एक दुसरे का टिफिन खा जाते थे.  आज के बाद रोटी भी मिल बाँट कर साथ-साथ खाएंगे.*
.
*अभय की आंखें भर आई* 😓

*उसने डबडबाई आँखों से आकाश की तरफ देखा और उस पेपर को होंठो से लगाकर करीने से दिल के पास वाली जेब मे रख लिया.*

*सच्चे दोस्त वही तो होते है*
*जो दोस्त की कमजोरी नही सिर्फ दोस्त देख कर ही खुश हो जाते है..*

*हमेशा अपने अच्छे दोस्त की कद्र करे*                                       

ENGLISH VERSION
* Seeing all four of them sitting in the hotel, Abhay got flustered.*
,
After about 25 years, he was again in front of him.*

 * Maybe now he had become a very big and rich man.

 * Abhay was feeling awkward while serving food orders from his school friends.*

 *Two of them were busy on mobile phone and two on laptop.*

 * Abhay could not complete his studies. They didn't even try to recognize him.
  * They left after having food and paid the bill.*

 * Abhay felt that the four of them might not have recognized him or did not try deliberately after seeing his poverty.*

  He took a deep breath and started cleaning the table.
,
*was about to pick up the tissue paper and throw it in the garbage,*

* Maybe they did something on that * * had added and subtracted.*

*Suddenly his eyes fell on the words written on him.*

*Wrote - Now brother-in-law, you were feeding us food, so what did you think we did not recognize you?*
* If you had got 25 years after the next birth, would you have recognized you.*

 * We did not have the courage to give you a tip.*
*We have bought a place for the factory nearby.*
 * And now we will continue to go here and there.*

*Today is your last day of this hotel.*

  *Who will run the canteen of our factory?
*Will you drive?*
* Where else can you find a better partner than you??? Do you remember during school days we used to eat each other's tiffin. After today we will share bread and eat it together.
,
* Abhay's eyes filled with *

* He looked at the sky with tearful eyes and put that paper on his lips and kept it neatly in the pocket near the heart.*

*True friends are those only*
* Those who are happy only by seeing friends, not weakness of friends..*

* always respect your good friend * 


MOTIVATIONAL SHORT STORY (IN POEM FORM)

 MOTIVATIONAL SHORT STORY (IN POEM FORM)

✍️✍️✍️कभी बनाना लिस्ट
...क्या क्या बनाया है बीवी ने...*
  एक friend ने बनाया लिस्ट जरूर पढ़िए

वो कहती है बनाने में घण्टों लगते है... 
और खाने में पल भर ... 

कभी कुछ बड़े जतन से बनाती है...
सुबह से तैयारी करके... 
कभी कुछ धुप में सुखा के...
तो कभी कुछ पानी में भिगो के... 
कभी मसालेदार..
तो कभी गुड़ सी मीठी... 
सारे स्वाद समेट लेती हैं ...
आलू के पराठों में, या गाजर के हलवे में, ऊपर बारीक कटे धनिये के पत्तो में, या पीस कर डाले गए इलाइची के दानों में...
सारे स्वाद समेट देती हैं एक छोटी सी थाली में...
न जाने कहाँ कहाँ से पकड़ के लाती है...
 ना जाने कितना कुछ तो होता है ...
कभी लिस्ट बनाना ... 
बीवी ने जो कुछ भी.. कभी भी बनाया है... 
तुम बना नही पाओगे...

हमें भी बस खाना ही दिखता है...
पर नही दिखती... 
किचन की गर्मी, 

उसका पसीना, 

हाथ में गरम तेल के छींटे, 

कटने के निशान,

कमर का दर्द,

पैरो में सूजन, 

सफ़ेद होते बाल..

कभी नहीं दिखते...,,

कभी तो ध्यान से देखो ना,,उस की छोटी से रसोई में... कोई दिखेगा तुम्हे ,,

जो बदल गया है इतने सालो में... दांत हिले होंगे कुछ.... 
बाल झड़ गए होंगे कुछ...
झुर्रियां आयी होंगी कुछ तुम्हारे मकान को घर बनाने में,,,,,
चश्मा लगाए, हाथ में अपनी करछी, बेलन लिए जुटी होगी...
आज भी वही कर रही है.. जो कर रही है वो  पिछले पच्चीस तीस सालों से, और तुम्हे देखते ही पूछेगी 
"क्या चाहिए?”... 

कभी देखना उसके मन के कुछ अनकहे ज़ज़्बात, दबी हुई इच्छाएं,,
जो दिखती नही..

क्योंकि जो दिखती नही, उन्हें देखना और भी ज़्यादा ज़रूरी होता है... 

जब रसोई से दो बिस्किट या रस हाथ में लेकर निकलता हूँ,, कभी उसकी  गैर मौजूदगी में... 

तब उसकी बात सोचने पे मज़बूर कर देती है... क्योंकि उसने सिर्फ खाना ही नहीं बनाया है इतने सालो में... 
तुम्हें भी बनाया है...
खुद को मिटा के...
और याद है न...
बनाने में घण्टों लगते है..ख़तम एक बार में हो जाता है  ...पूरा घर बनाया है... 
दिन रात मेहनत करके...
कभी बनाना लिस्ट और क्या क्या बनाया है बीवी ने... 

लिस्ट बन नहीं पाएगी 
कोशिश करना .. 
कभी बन नहीं पाएगी🙏😟सच में कभी नहीं बन पायेगी✍️✍️✍️✍️✍️

ENGLISH VERSION

️✍️✍️Never make list
... what has the wife made...*
  Must read list made by a friend

She says it takes hours to make...
And a moment to eat...

Sometimes it makes something with great care...
By preparing in the morning...
Sometime dry in the sun...
So sometimes by soaking in some water...
sometimes spicy..
Sometimes sweet like jaggery...
Covers all the tastes...
In potato parathas, or in carrot pudding, on top of finely chopped coriander leaves, or in ground cardamom seeds...
Covers all the tastes in a small plate...
Don't know where to get it from where...
 I don't know how much happens...
Ever make a list...
Whatever the wife has ever made...
You can't make...

We also only see food...
But don't see...
kitchen heat,

her sweat,

Hot oil splatter in hand,

cut marks,

lumbar puncture,

swollen feet,

Gray hair..

never see...

Never look carefully, don't you, in his small kitchen... someone will see you,,

What has changed in so many years... Teeth must have moved some....
Some hair may have fallen out...
Wrinkles must have come to make your house a home,,,,,
Put on glasses, your spoon in your hand, must have been busy with the cylinder...
She is doing the same thing even today.
"What do you want?"...

Ever see some untold feelings of his mind, suppressed desires,
What is not visible..

Because seeing what you can't see is even more important.

When I come out of the kitchen with two biscuits or juice in my hand, Sometimes in his absence...

Then her words make me think... because she has not only cooked food in all these years...
made you too...
erase yourself...
And don't you remember...
It takes hours to build...the finish is done in one go...the whole house is built...
Working hard day and night...
Ever make list and what has been made by the wife...
attempts to make

list will not be created

will never be able to be never really will be made...................☺☺☺☺

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